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कोविड से जुडी चुनौतियां और मानसिक स्वास्थ्य

कोविड से जुडी चुनौतियां और मानसिक स्वास्थ्य

26 मई 2021 को ट्राइजोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से आईएसडीजी फाउंडेशन ने कोविड काल में मानसिक स्वास्थ्य विषय पर मार्गदर्शन हेतु एक वेबीनार का आयोजन किया। मुख्य वक्ता भारत के प्रमुख मनोचिकित्सक डॉक्टर हरीश शेट्टी थे। पैनल के सदस्यों में कैप्टन देवाशीष कुमार (आईएसडीजी फाउंडेशन के निदेशक) और श्री राकेश कुमार (ट्राइजोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ) शामिल थे।

इस वेबीनार के माध्यम से डॉ हरीश ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर में लॉकडाउन की अनिश्चितता ने बड़ी संख्या में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। डॉ हरीश ने हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले सभी कारकों के बारे में चर्चा किया तथा इनका सामना करने एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के आसान तरीके भी समझाएं। साथ ही उन्होंने बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के चेतावनी संकेतों को समय रहते पहचानने एवं विशेषज्ञ की सलाह लेने पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता ने लोगों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस नकारात्मक समय में भी अपने जीवन में नए रंग भरे ,एक दिनचर्या का पालन करें,लोगों से जुड़े रहें और आपके पास जो भी है उसे स्वीकारें एवं सराहे।

नौकरीपेशा लोगों को संबोधित करते हुए डॉ शेट्टी ने कहा कि दफ्तर से संबंधित बैठक में भारीपन को दूर करने के लिए कुछ हास्य पूर्ण प्रसंग लाना बेहतर विकल्प है। घर से दफ्तर का कार्य करने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं को संबोधित करते हुए डॉ हरीश ने कहा कि समय की आवश्यकता अनुसार महिलाएं कुशल मैनेजर बन सभी सदस्यों में घरेलू काम बांटे। काम कुशलता से न होने की स्थिति में भी क्रोधित या नाराज न हो। साथ ही उन्होंने तनाव मुक्त रहने एवं स्वस्थ जीवन शैली के लिए धीमी और गहरी स्वास के महत्व पर भी जोर दिया। शारीरिक व्यायाम भी मस्तिष्क को प्रफुल्लित एवं प्रतिरक्षा को सुदृढ़ करता है। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में नींद की भी महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए समय पर सोना और पूरी नींद लेना सेहत के लिए अच्छा है। डॉ शेट्टी ने लोगों के दुख दर्द एवं जरूरतों के प्रति संवेदनशील होने की बात भी कही।

कोरोनावायरस की नकारात्मकता से स्वयं को दूर रखने के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाए। रिश्तेदारों एवं स्वजनों को खोने की पीड़ा और आघात से उबरने के लिए अपनी भावनाओं को बहने दें। साथ ही डॉ शेट्टी ने कहा कि रोना शर्म की बात नहीं बल्कि इससे मन हल्का होता है और दर्द कम होता है

डॉ शेट्टी ने बच्चों में मानसिक तनाव विषय पर प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह समय बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत संघर्षपूर्ण है। इस समय बच्चों के साथ बातचीत करें, उनको पारिवारिक गतिविधियों में शामिल करें और भावनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाएं।

डॉ हरीश ने वेबीनार के माध्यम से कोरोना काल में रोजगार खोने वाले लोगों को परिस्थिति को स्वीकार करने की सलाह दी। ऐसे सभी लोगों को उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनी परेशानियों को परिवार के साथ साझा करने की सलाह दी। इस प्रकार वेबीनार के माध्यम से डॉ हरीश ने मानसिक तनाव एवं पीड़ा को दूर करने के उपयोगी समाधान प्रदान किए एवं अपने व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से चर्चा को ज्ञानवर्धक एवं समझने में आसान बनाया।

पैनल के सदस्यों ने मुख्य वक्ता डॉ हरीश शेट्टी का इस ज्ञानप्रद एवं लाभदायी चर्चा के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया।